Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2016 · 1 min read

ओज- कविता (धधकती आग है दिल में)

धधकती आग है दिल में
——————————-
धधकती आग है दिल में जो हर पल ही सुलगती है ,
जिन्दगी हो रही धूआँ कभी अंगार लगती है ।
जमाना कह रहा मुझसे बगावत करने लग जाऊँ ,
जमाने को बदलने की एक आरजू सी पलती है ।।
धधकती……
जमाने से हूँ मैं घायल और पत्थर न बरसाओ ,
पत्थरों की तरह निर्मम निर्दय मुझको न बनाओ ।
पत्थरों पर सुमन बरसाने की चाहत मचलती है ।।
धधकती ………..
िसी से है न गिला शिकवा मुकद्दर से हूँ मैं हारा ,
मेरी तकदीर ने कर दिया है मुझको ही बेचारा ।
चलता हूँ मैं उससे आगे मेरी तकदीर चलती है ।।
धधकती………….
नहीं फिर भी मैं बेबस नहीं बेचारा भी मैं हूँ ,
टूट – टूट कर मुकद्दर से न अब तक हारा भी मैं हूँ ।
मेरी हिम्मत मेरे हौसलों को हरपल ही बदलती है ।। धधकती ……..
:- डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज -:

Language: Hindi
Tag: गीत
3920 Views

You may also like these posts

AE888 mang đến trải nghiệm cá cược trực tuyến đỉnh cao. nhiề
AE888 mang đến trải nghiệm cá cược trực tuyến đỉnh cao. nhiề
AE888
काकी  से  काका   कहे, करके  थोड़ा  रोष ।
काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष ।
sushil sarna
वसंत आगमन
वसंत आगमन
SURYA PRAKASH SHARMA
बलात्कार
बलात्कार
Dr.sima
कुछ बातें किया करो
कुछ बातें किया करो
Surinder blackpen
शक्ति
शक्ति
Mamta Rani
सुविचार
सुविचार
Neeraj Agarwal
क्या लिखूं?
क्या लिखूं?
अनिल "आदर्श"
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
4330.*पूर्णिका*
4330.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
है तो है
है तो है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
जिंदगी तेरे हंसी रंग
जिंदगी तेरे हंसी रंग
Harminder Kaur
#छठा नोट
#छठा नोट
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"लिख दो"
Dr. Kishan tandon kranti
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
मेहनत की कमाई
मेहनत की कमाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विपत्तियों में स्वभाव संस्कार सहायक
विपत्तियों में स्वभाव संस्कार सहायक
Sudhir srivastava
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
विषय-मानवता ही धर्म।
विषय-मानवता ही धर्म।
Priya princess panwar
गुनगुनी धूप
गुनगुनी धूप
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Madhuyanka Raj
विदेश मे पैसा कमा कर पंजाब और केरल पहले नंबर पर विराजमान हैं
विदेश मे पैसा कमा कर पंजाब और केरल पहले नंबर पर विराजमान हैं
शेखर सिंह
जब वो मिलेगा मुझसे
जब वो मिलेगा मुझसे
Vivek saswat Shukla
"बचपन यूं बड़े मज़े से बीता"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- रिश्ते व उनकी रिश्तेदारिया -
- रिश्ते व उनकी रिश्तेदारिया -
bharat gehlot
बेवजह बदनाम हुए तेरे शहर में हम
बेवजह बदनाम हुए तेरे शहर में हम
VINOD CHAUHAN
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
Loading...