“ऑल -राउंडर “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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व्यक्तित्वक विकास मे रूचि ( हॉबी ) एक्सरा केरीकुलर एक्टिविटीज क स्थान सर्वोपरि मानल गेल अछि ! किनको गीत सुनबाक हॉबी छैनि ..कियो गीत गबैत छथि ..किनको किताब सं प्रेम छनि..कियो कविता लिखैत छथि..किनको चित्रकारिता सं सिनेह छनि..कियो फोटोग्राफी सं जुडल छथि..किनको घुमनाई पसंद छैनि इत्यादि …..इत्यादि !
खाली समयक उपयोगिता अपना आनंद प्राप्ति क लेल अप्पन- अप्पन लोग हॉबी चुनैत अछि ! आई ० ए० एस ,….. आई ० पी ० एस .. एलाइड सर्विसेज ..डॉक्टर ..इंजिनियर ..सेना अधिकारी सभहक बायोडाटा मे एकर कॉलम होइत छैक आ एहि विषय क विस्तार पूर्वक साक्षात्कार मे पूछल जाइत छैक ! एकर बिना हम सफल नेतृत्व क अभिलाषा नहि क सकैत छी ! …
आब “एक्सरा केरीकुलर एक्टिविटीज ” जाहि मे ग्रुप डिस्कशन ..लेक्चर …अभिनय …सांस्कृतिक कार्यक्रम सेहो देखल जाइत छैक ! सफल नेतृत्व क लेल एहि उपक्रम कें नजर अंदाज नहि क सकैत छी !
तेसर श्रेणी मे गेम्स आ स्पोर्ट्स क स्थान छैक मुदा महत्व एक समान ! इंडोर गेम्स हम खेलैत छी..आउटडोर गेम्स खेलैत छी तखने आहांक महत्व अन्यथा
आहां कें महत्वहीन बुझल जायत !
एहि भांज मे नहि रहू कि अपना पुत्र आ पुत्री कें खाली किताबे सं बान्हीं काल कोठरी मे बंद केने रहू आ अपेक्षा अनंत राखि ! जेते विधाक चर्चा भेल….. इ कतो कथमपि हमरलोकनिक प्रोफेशन मे अवरोधक नहि होइत छैक ! दू रंगक गप्प नहि हेबाक चाहि ! अप्पन संतान सब गुण संपन्न हुये आ हम आन सं प्रश्न करि “-आहां यदि एहि विधा मे लागल रहब त प्रोफेशन केना चलत ?..आ नहि चलत !
आहां स्वतंत्र छी ..अप्पन व्यक्तित्व कें केना चमकायब ! प्रत्येक व्यक्ति आल- राउंडर बनय चाहेत अछि तकरा बोल भरोसक अपेक्षा रहित छैक ..आलोचना क नहि !
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
दुमका