ऑनलाइन प्यार
ऑनलाइन प्यार
(लघुकथा)
उम्र-दराज संतोष ने अपने एंड्रॉयड फोन पर ऊँगली टच करके शोसल साइट्स पर समय व्यतीत के लिए फोन खोला।
सभी शोसल साइट्स पर मदर्स-डे का बुखार सिर चढ़कर बोल रहा था। प्रत्येक यूजर का शोसल साइट्स पर अपनी माँ के साथ फोटो चिपका मिला।
कुछ ही पल में शक्रीन पर अपना फोटो देखकर चलते-चलते उसके हाथ रुक गए। यह फोटो उसके बेटे ने डाला था।
अपने पुत्र बृजेश का ऑनलाइन प्यार देखकर वह अपने-आप को रोक नहीं सकी।
उसने बेटे को फोन लगाकर पूछा कि मदर्स-डे पर शोसल साइट्स पर फोटो चिपका कर प्यार का स्वांग करने वाले। यह तो बता कि पिछली बार तूने अपनी माँ से बात कब की थी?
बेटे की इधर-उधर की बात सुनकर, संतोष बोली, “तू माँ से ऑनलाइन प्यार जता रहा। तुझे डाउनलोड नहीं किया गया। मैंने तुझे जन्म दिया है। कभी ऑफलाइन भी सांभ-संभाल कर लिया कर।
इतना कह कर संतोष ने फोन काट दिया।
-विनोद सिल्ला