“ऐ वीणा वदनी मा”
ऐ वीणावादनी मा ,हम को ऎसा वर दो।
बन जाए दास तेरे, वाणी में रस भर दो।
हम सुनते है जग में,
तू करती है सब से प्यार।
हो सफल आज यहां पर,
ऐ करुणामयी उद्धार।
आज्ञान मिटा कर मा,
मेरी विद्या अमर कर दो।
ऐ वीणा वादनी मा ,हम को ऎसा वर दो।
बन जाए दास तेरे ,वाणी में रस भर दो।
हम बच्चे है नादान,
नही आती हम से भक्ति।
हो सफल आज यहां पर,
मा दे दो ऎसी शक्ति।
आज्ञान मिटा कर मा ,
मेरी भक्ति अमर कर दो।
ऐ वीणावादनी मा हम को ऎसा वर दो।
बन जाए दास तेरे वाणी में रस भर दो।