ऐ जिन्दगी तूं और कितना इम्तिहान लेंगी
ऐ जिन्दगी तूं और कितना इम्तिहान लेंगी
अब जो जान बची है, क्या वो जान लेंगी?
मैंने कब कहा कि मुझे मुक्कमल जहां मिल जाए
बस चाहत थी कि थोड़ी सी सुकून यहां मिल जाए
-केशव
ऐ जिन्दगी तूं और कितना इम्तिहान लेंगी
अब जो जान बची है, क्या वो जान लेंगी?
मैंने कब कहा कि मुझे मुक्कमल जहां मिल जाए
बस चाहत थी कि थोड़ी सी सुकून यहां मिल जाए
-केशव