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28 Dec 2024 · 1 min read

ऐ खुदा काश के मैं पागल होता,

ऐ खुदा काश के मैं पागल होता,
उनकी रहनुमाई की जरूरत न होती।
न होती आरजू किसी भी शोहरत की,
खुले आसमान के नीचे बे तकल्लुफ सोता।
ऐ खुदा काश के मैं पागल होता…

श्याम सांवरा…

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