ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक बोली के दिल पर न लेकर दिमाग मे उसे ही करने की ठान लेते है वो अपने जीवन के बादशाह हो जाते है,देखा जाए तो सबसे अधिक नकारात्मक विचार ही लोगों के प्रेरणा के कारण बन जाते है।
जैसे तुलसीदास को उनकी पत्नी रत्नावली ने बोली के द्वारा उनका हृदय परिवर्तन किया कालीदास विद्योत्मा के अपमान का बदला लेने हेतु महान विद्वान बने तो साधु की बात से खूंखार डाकू आदिकवि महर्षि वाल्मीकि बन गए।
जब कोई कहे ये तुमसे न हो पाएगा,ये तुम्हारे बस की बात नही तो अंदर की ऊर्जा हमे उसे ही करने को झकझोरने लगती है।
RJ Anand Prajapati