# ऐसे दीप जलाओ #
ऐसे दीप जलाएं ,हम सब
मन का सब, अंधियारा मिट जाए।
जीवन सुखमय हो जाए सबका ,
सारा जग ज्योर्तिमय हो जाए।
ऐसे दीप जलाएं ,हम सब
मन का सब ,अंधियारा मिट जाए।
खुशियां ही खुशियां हो जग में,
सब साथ रहें, मिलजुल कर के ।
जाति-पातिं और भेद- भाव का,
आडम्बर न हो दुनिया में।
ऐसे दीप जलाएं हम सब,
मन का सब अंधियारा मिट जाए।
एक दीप मेरा उन वीरों को,
जिनसे हर घर में उजाला है।
देश की रक्षा के खातिर जो,
चमके बन के सितारा हैं
ऐसे दीप जलाएं हम सब
मन का सब ,अंधियारा मिट जाए।
घर घर में शुभता आए,
हर घर स्वर्ग से सुन्दर बन जाएं।
राम लला के स्वागत में,
धरती -अम्बर मंगल गाए।
ऐसे दीप जलाएं हम सब
मन का अंधियारा सब, मिट जाए।
रूबी चेतन शुक्ला
अलीगंज