ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
होगी नहीं ऐसे तो दूर, यह मुश्किल कभी।
कुछ जतन मुझको ही अब करना होगा।।
मिटेगी नहीं ऐसे तो, यह आफत कभी।
कुछ उपाय मुझको ही, अब करना होगा।।
नहीं होगी ऐसे तो दूर ———————-।।
बुलाया जिसको भी मैंने, आवाज देकर।
आया नहीं कोई भी, मेरी पीड़ा सुनकर।।
मिलेगी नहीं ऐसे तो, इसकी दवा कभी।
कुछ इलाज मुझको ही, अब करना होगा।।
नहीं होगी ऐसे तो दूर ———————-।।
नहीं दिया जब सहारा, अपनों ने ही मुझको।
नहीं की जब मदद कल, अपनों ने ही मुझको।।
उम्मीद कोई अब मैं, क्यों किसी से करुँ।
कुछ उजाला मुझको ही, अब करना होगा।।
नहीं होगी ऐसे तो दूर ———————-।।
यहाँ सभी चाहते हैं, मेरी दौलत को लूटना।
अपना घर बनाकर, आबाद खुद को करना।।
मिलेगी नहीं ऐसे तो, खुशी मुझको कभी।
जी आजाद मुझको ही, अब करना होगा।।
नहीं होगी ऐसे तो दूर ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)