ऐसे कैसे हिन्दू हैं
केरल में वो क्रिश्चियन मुस्लिम, यूपी के वो हिंदू है।
भेष बदलते रहते वो तो, कलंक लगे वो बिंदु है।।
पप्पू पिंकी नाम हैं उनका, सब धर्मो के सिंधु हैं।
बड़ी शर्म आती हैं हमको, जब कहते वो हिंदू हैं।।
जनसंख्या को रोकने खातिर, नसबंदी करवाते थे।
हम दो और हमारे दो बस, चीख चीख चिल्लाते थे।।
फिर वो ही थे जो कहते थे, ज्ञान का दीप जलते थे।
शेर का बच्चा एक ही अच्छा, नारा वो लगवाते थे।।
आज वही है जो चिल्लाते, चहू और दिख जाते हैं।
साम दाम और दंड भेद, सब कुछ वो अपनाते हैं।।
जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।
जनसंख्या पर नया गणित, अब खुलेआम दिखलाते हैं।।
कुछ दिन पहले भूल गए क्या, ये OBC-OBC चिल्लाते थे।
आज उसी OBC का हिस्सा, मुस्लिम में बटवाते हैं।।
नेता इनके कहते रहते, छीन झपटकर लेंगे हम।
बच्चे उनके बहुत हैं ज्यादा, बाट उन्हीं में देंगे हम।।
धारा हटी हैं 370, पर लागू फिर से करवा देंगे।
हिंदू राष्ट्र तो भुलो तुम फिर, मंदिर भी रुकवा देंगे।।
संविधान के आरक्षण को, मुस्लिम में बटवा देंगे।
अगर चला जो बस इनका, हिंदू को कटवा देंगे।।
बटे हुए हैं हम जाति मे, आपस मे लडवा देंगे।
फूट डालके राज करेगे, सिद्ध यही करवा देंगे।।
सोये रहे तुम अगर अभी भी, जगने नही तुम्हे देंगे।
जर जोरू और जमीन तुम्हारी, परोस के उनको सब देंगे।।
संगठित होकर हुंकार भरो, शक्ति अपनी दिखलाओ तुम।
बनो सनातनी फिर से सारे, भगवा फिर से लहराओ तुम।।
ललकार भारद्वाज