Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2018 · 1 min read

ऐसी चली बयार

इधर पश्चिमी रंग की ,…….ऐसी चली बयार !
भूल गये करना सभी,आज अतिथि सत्कार!!

शहरों के उन्माद की, ऐसी चली बयार !
गाँवो के दिखने लगे,खाली सभी दयार! !
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 454 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
बेचारा प्रताड़ित पुरुष
Manju Singh
2734. *पूर्णिका*
2734. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
माता, महात्मा, परमात्मा...
माता, महात्मा, परमात्मा...
ओंकार मिश्र
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
शेखर सिंह
कविता जीवन का उत्सव है
कविता जीवन का उत्सव है
Anamika Tiwari 'annpurna '
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
जब कोई आपसे बहुत बोलने वाला व्यक्ति
पूर्वार्थ
जिंदगी का हिसाब
जिंदगी का हिसाब
Surinder blackpen
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Dr Archana Gupta
"जब से बोलना सीखा"
Dr. Kishan tandon kranti
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
"प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
*प्रणय*
राधे
राधे
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*सुनो माँ*
*सुनो माँ*
sudhir kumar
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
लगातार अथक परिश्रम एवं अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से
लगातार अथक परिश्रम एवं अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण से
Rj Anand Prajapati
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कलम की ताक़त
कलम की ताक़त
Dr. Rajeev Jain
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
Ankita Patel
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कविता
कविता
Pushpraj devhare
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
आर.एस. 'प्रीतम'
*आजादी तो मिली मगर यह, लगती अभी अधूरी है (हिंदी गजल)*
*आजादी तो मिली मगर यह, लगती अभी अधूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
जब अकेले ही चलना है तो घबराना कैसा
VINOD CHAUHAN
बाल कविता: नदी
बाल कविता: नदी
Rajesh Kumar Arjun
ज़िंदा दोस्ती
ज़िंदा दोस्ती
Shyam Sundar Subramanian
रिश्ता निभाता है कोई
रिश्ता निभाता है कोई
Sunil Gupta
Loading...