— ऐसी इच्छा नहीं —
न ऐसी कोई इच्छा की नभ में उड़ जाऊँ
न ऐसी की दुनिआ की भीड़ में खो जाऊँ
चलता हूँ में अपनी मतवाली चाल सदा
शाम होते ही घर लौट के आ जाऊं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ
न ऐसी कोई इच्छा की नभ में उड़ जाऊँ
न ऐसी की दुनिआ की भीड़ में खो जाऊँ
चलता हूँ में अपनी मतवाली चाल सदा
शाम होते ही घर लौट के आ जाऊं !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ