Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2022 · 1 min read

ऐसा वर दो

भगवन् हमको ऐसा वर दो।
जग के सारे सद्गुण भर दो॥

हम फूलों जैसे मुस्कायें,
सब पर प्रेम सुगंध लुटायें,
हम पर­हित कर खुशी मनायें,
ऐसे भाव हृदय में भर दो।
भगवन् हमको ऐसा वर दो॥

दीपक बनें, लड़े हम तम से,
ज्योर्तिमय हो यह जग हम से,
कभी न हम घबरायें गम से,
तन मन सबल हमारे कर दो।
भगवन्, हमको ऐसा वर दो॥

सत्य मार्ग पर बढ़ते जायें,
सबको हीं सन्मार्ग दिखायें,
सब मिलकर जीवन ­फल पायें,
ऐसे ज्ञान, बुद्धि से भर दो।
भगवन, हमको ऐसा वर दो॥

– त्रिलोक सिंह ठकुरेला

1534 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुफलिसों को जो भी हॅंसा पाया।
मुफलिसों को जो भी हॅंसा पाया।
सत्य कुमार प्रेमी
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* सत्य पथ पर *
* सत्य पथ पर *
surenderpal vaidya
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
Sanjay ' शून्य'
"अंतिम-सत्य..!"
Prabhudayal Raniwal
एकादशी
एकादशी
Shashi kala vyas
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
दिन  तो  कभी  एक  से  नहीं  होते
दिन तो कभी एक से नहीं होते
shabina. Naaz
(दम)
(दम)
महेश कुमार (हरियाणवी)
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
बेरोज़गारी का प्रच्छन्न दैत्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
करने दो इजहार मुझे भी
करने दो इजहार मुझे भी
gurudeenverma198
वो राह देखती होगी
वो राह देखती होगी
Kavita Chouhan
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
Amber Srivastava
प्यार
प्यार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुख के क्षणों में हम दिल खोलकर हँस लेते हैं, लोगों से जी भरक
सुख के क्षणों में हम दिल खोलकर हँस लेते हैं, लोगों से जी भरक
ruby kumari
कितना कुछ सहती है
कितना कुछ सहती है
Shweta Soni
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
हम भारतीयों की बात ही निराली है ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
नवयौवना
नवयौवना
लक्ष्मी सिंह
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
#कटाक्ष
#कटाक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
தனிமை
தனிமை
Shyam Sundar Subramanian
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
Shyam Pandey
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खालीपन
खालीपन
करन ''केसरा''
दीवाली
दीवाली
Nitu Sah
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...