* ऐसा क्यूं होता है ?
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
जब मैं अपने से जुदा होता हूं
तन्हा-तन्हा मैं क्यूं होता हूं ?
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
जब मैं अपनों से जुदा होता हूं ।
एक अजनबी सा डर लगता है
जब मैं अपनों से जुदा होता हूं ।
मेरे अपने नहीं लगते अपने
जब मैं अपनो को
बेगाना-सा लगता हूं ।
ऐसा क्यूं होता है ?
मेरी तन्हाई ओर की तन्हाई में
फर्क इतना सा मगर होता है ।
लोग तन्हाई में अकेले होते हैं
मैं महफ़िल में अकेला होता हूं
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
दर्द बढ़ता है दर्दे दुआ करने से
फिर दर्दे-दवा की परवाह क्यूं है
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
मैं करता हूं मुहब्बत जिससे वो
क्यूं नफ़रत करता है मुझसे ?
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
जाम-ए-महफ़िल में होके शामिल
मैं बेनशा क्यूं होता हूं ?
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
जब मैं अपने से जुड़ा होता हूं
तन्हा-तन्हा मैं क्यूं होता हूं ?
जाने ऐसा क्यूं होता है ?
?मधुप बैरागी