Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2023 · 1 min read

ऐसा कानून बना दो

हास्य
ऐसा कानून बना दो
***********——–
मैं बहुत मगरुर हूं
अपने घमंड में चूर हूं
नहीं किसी की फ़िक्र मुझे है
मैं दिमाग से बहुत दूर हूं।
जब मैं ही खुद को समझ न पाता
जाने क्या क्या मैं बक जाता
चर्चा में मैं बना रहूं
बस विवाद से अपना नाता।
चाहे जितना दोष लगाओ
चाहे जितना सब मिल समझाओ
मैं पप्पू हूं पप्पू ही रहूंगा
किसी की दया पर नहीं जिऊँगा।
सत्ता का न मोह मुझे है,
खुद की भी परवाह नहीं है
चाहे मेरा पद ले लो
या चाहो तो जेल भेज दो।
मुझको फर्क न पड़ने वाला
बड़ा लापरवाह हूं यही समझ लो
चाहे जितने आरोप लगा लो
पर मेरा अरमान समझ लो।
सारे हथकंडे अपना चुका हूं
उछलकूद कर हार चुका हूं
मेरे हित की खातिर अब
सब मिलकर संन्यास दिला दो
मेरा भी उद्धार करा दो
मेरा बेड़ा पार करा दो
इतनी दया करो मुझ पर
मेरी चर्चा बंद करा दो।
बहुत हो चुका लुका छिपी
अब तो मेरी विनती सुन लो
तुम अपना कर्तव्य निभा दो
राजनीति से दूर करा दो।
अपने हित की सोच सकूं
इतनी फुर्सत मुझे दिला दो,
एक अदद कंठी माला पहना दो
भगवा परिधान में मुझे सजा दो।
पूजा पाठ जप तप का प्रबंध करा दो
मेरा भी जीवन धन्य बना दो
मुझे राम की शरण मिल सके
बस! ऐसा कानून बना दो।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 146 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज नींद है ,जो इंसान के कुछ समय के ल
दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज नींद है ,जो इंसान के कुछ समय के ल
Ranjeet kumar patre
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
सुबह देखता हूं शाम देखता हूं
सुबह देखता हूं शाम देखता हूं
Rituraj shivem verma
*BOOKS*
*BOOKS*
Poonam Matia
"वक्त-वक्त की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
।। मति बदली , जीवन बदला ।।
पूर्वार्थ
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बार - बार गिरती रही,
बार - बार गिरती रही,
sushil sarna
मैं तुमसे यह नहीं पूछुंगा कि------------------
मैं तुमसे यह नहीं पूछुंगा कि------------------
gurudeenverma198
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
Ajit Kumar "Karn"
मैं रूठूं तो मनाना जानता है
मैं रूठूं तो मनाना जानता है
Monika Arora
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सब गुजर जाता है
सब गुजर जाता है
shabina. Naaz
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
आदर्श
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
सुखी होने में,
सुखी होने में,
Sangeeta Beniwal
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
.......अधूरी........
.......अधूरी........
Naushaba Suriya
किसी से कभी नहीं ,
किसी से कभी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9betsfarm
3369⚘ *पूर्णिका* ⚘
3369⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
प्यारा सा स्कूल
प्यारा सा स्कूल
Santosh kumar Miri
स्वीकारा है
स्वीकारा है
Dr. Mulla Adam Ali
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
शेखर सिंह
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
# आज की मेरी परिकल्पना
# आज की मेरी परिकल्पना
DrLakshman Jha Parimal
■ जय लोकतंत्र■
■ जय लोकतंत्र■
*प्रणय*
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
Loading...