Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

ए लड़ी, तू न डर

२३)

“ ए लड़की, तू न डर “

ए लड़की,
तू न डर
आगे बढ़
मुक़ाबला कर।
क्या हो ग़र
संघर्ष में तू जाए मर
यह गर्व तो रहेगा
हार न मानी, न माना डर
ए लड़की, तू न डर॥
ए लड़की
जब तक तू ख़ुद
ना जागेगी
स्वयं इस आग में
ना झुलसेगी
कोई मदद को न आएगा
तू ख़ुद अपनी मदद कर
ए लड़की, तू न डर ॥
स्वरक्षा के
गुर सीख सारे
“असंभव “शब्द
ज़िंदगी से भगा दे
तू दुर्गा है, तू काली है
शत्रु का खून पी सके
बन जबर, हर डगर
ए लड़की, तू न डर ॥
तू कोमलांगी है
पर कमज़ोर नहीं
तू जननी है
पर पतंग डोर नहीं
कोई काट ले, फाँस ले
किसी में इतना ज़ोर नहीं
उठ जाग, संहार कर
ए लड़की, तू न डर ॥

स्वरचित और मौलिक
उषा गुप्ता , इंदौर

1 Like · 86 Views
Books from Usha Gupta
View all

You may also like these posts

"आशा-तृष्णा"
Dr. Kishan tandon kranti
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
Ravi Prakash
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
gurudeenverma198
कुछ ख़ुशनसीब ऐसे हैं जो आगे किस्मत से बढ़ गए!
कुछ ख़ुशनसीब ऐसे हैं जो आगे किस्मत से बढ़ गए!
Ajit Kumar "Karn"
..
..
*प्रणय*
मत करना परवाह
मत करना परवाह
surenderpal vaidya
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
23/23.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/23.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने वजूद की
अपने वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
हम मुहब्बत कर रहे थे........
हम मुहब्बत कर रहे थे........
shabina. Naaz
वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई,
वक्त थमा नहीं, तुम कैसे थम गई,
लक्ष्मी सिंह
काबिल नही तेरे
काबिल नही तेरे
ललकार भारद्वाज
सुख भी बाँटा है
सुख भी बाँटा है
Shweta Soni
अब कुछ साधारण हो जाए
अब कुछ साधारण हो जाए
Meera Thakur
कही-अनकही
कही-अनकही
Deepesh Dwivedi
किसी ने पूछा इस दुनिया में आपका अपना कौन है मैंने हंसकर कहा
किसी ने पूछा इस दुनिया में आपका अपना कौन है मैंने हंसकर कहा
Ranjeet kumar patre
Cyclone Situation
Cyclone Situation
Otteri Selvakumar
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
मधेश प्रदेश बनाम मिथिला।
मधेश प्रदेश बनाम मिथिला।
Acharya Rama Nand Mandal
विचार
विचार
Godambari Negi
घर संसार का बिखरना
घर संसार का बिखरना
Krishna Manshi
चाह
चाह
Dr. Rajeev Jain
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
कविता- 2- 🌸*बदलाव*🌸
Mahima shukla
श्रमिक
श्रमिक
Neelam Sharma
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बेघर एक
बेघर एक "परिंदा" है..!
पंकज परिंदा
|| तेवरी ||
|| तेवरी ||
कवि रमेशराज
Loading...