तुही मेरा स्वाभिमान है
ए गांव की मेरी मिट्टी, तुही मेरा वतन तु जान है
तुझपे मुझे अभिमान है, तुही मेरा स्वाभिमान है
ओ गांव – नगर के सुन्दर बस्ती क्या खूब नजर आती है
सुबह की लाली शाम की लाली केसरिया याद दिलाती है
ए खेतों की हरि भरी हरियाली, देश की आर्थिक शान है
तुझपे मुझे अभिमान है, तुही मेरा स्वाभिमान है
ओ नेता नगरी के नेता लोगवा देश को खूब सांवारे है
पटेल – शास्त्री – अटल बिहारी जैसे देश को निखारें है
टाटा ने पूरी उमर गंवा के, देश के की उत्थान है
तुझपे मुझे अभिमान है, तुही मेरा स्वाभिमान है
देश की रक्षा के लिए सेना जब सीमा पर जाते हैं
किसी का सुहाग, किसी का भाई, किसी का पुत्र पाते हैं
अपनी जान की परवाह न करते, होते कुर्बान है
तुझपे मुझे अभिमान है, तुही मेरा स्वाभिमान है
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@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।