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8 Dec 2024 · 1 min read

ए खुदा – ए – महबूब ! इतनी तो इनायत कर दे ।

ए खुदा – ए – महबूब ! इतनी तो इनायत कर दे ।
नहीं उठाया जाता अब जिंदगानी का बोझ हमसे ,
गले लगा के हमें ,अपनी पनाहों में जगह दे दे ।

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Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
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