ए खुदा – ए – महबूब ! इतनी तो इनायत कर दे ।
ए खुदा – ए – महबूब ! इतनी तो इनायत कर दे ।
नहीं उठाया जाता अब जिंदगानी का बोझ हमसे ,
गले लगा के हमें ,अपनी पनाहों में जगह दे दे ।
ए खुदा – ए – महबूब ! इतनी तो इनायत कर दे ।
नहीं उठाया जाता अब जिंदगानी का बोझ हमसे ,
गले लगा के हमें ,अपनी पनाहों में जगह दे दे ।