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27 Nov 2024 · 1 min read

एहसासे-दिल की है शिद्दत ही शायद,

एहसासे-दिल की है शिद्दत ही शायद,
भुला के भी तुमको भुलाया नहीं है।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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