एहसान फरामोशी अच्छी नहीं …
मुसर्रतों की हर शय गुज़ारी तुमने ,
जिंदगी की हर खुशी पाई यहां तुमने ,
तुम्हारे फन को सराहा ,इतना प्यार दिया
अरे ! एहसान फरामिशो ! इस प्यार और इज्जत,
का भारत को क्या सिला दिया तुमने ?
मुसर्रतों की हर शय गुज़ारी तुमने ,
जिंदगी की हर खुशी पाई यहां तुमने ,
तुम्हारे फन को सराहा ,इतना प्यार दिया
अरे ! एहसान फरामिशो ! इस प्यार और इज्जत,
का भारत को क्या सिला दिया तुमने ?