एतराज़
आज भी खुश हूं मैं लोगो को बहुत एतराज़ है।
टूट गई पर बिखरी नहीं इसका एक ही राज़ है।
हर सुबह एक ही बात याद रखकर जगती हूं,
आज का दिन मेरी जिंदगी का आखिरी आज है।
-शशि “मंजुलाहृदय”
आज भी खुश हूं मैं लोगो को बहुत एतराज़ है।
टूट गई पर बिखरी नहीं इसका एक ही राज़ है।
हर सुबह एक ही बात याद रखकर जगती हूं,
आज का दिन मेरी जिंदगी का आखिरी आज है।
-शशि “मंजुलाहृदय”