एतबार कर मुझपर
मेरी धड़कन को एतबार नहीं मुझपर
मेरे दिल को भी एतबार नहीं मुझपर
कब कौन छोड़कर चला जाता है
क्यों किसी को एतबार नहीं मुझपर
क्या गिला करूं मैं किसी से
जो उसको एतबार नहीं मुझपर
हूं अकेला ही इस सफ़र में
क्यों किसी का हाथ नहीं मुझपर
तुमने हमेशा बारिश का लुत्फ लिया
हर बारिश में बिजलियां गिरी है मुझपर
इतने सबक दिए है इस ज़िंदगी ने
अब एतबार बचा है मुझे भी सिर्फ खुद पर
तू फिर आना कभी नदी के तट पर
खुद ही देख लेना विश्वास न करना मुझपर
ये लहरें भी किनारे पर फेंक देती है
अब इस मौत को भी तरस नहीं आता मुझपर
सीख लिया है मैंने भी बहुत कुछ
अब तो थोड़ा एतबार कर ले मुझपर
ज़िंदगी के इस अकेले सफर में
अब एक तो अहसान कर दे मुझपर
तू ही बदल सकता है मेरी किस्मत
एक बार विश्वास कर ले मुझपर
देख ले मेरी आंखों में बस एक बार
तू इतनी सी रहमत कर ले मुझपर
पहचान पाएगा इसमें गर प्यार मेरा
खो जायेगा तू भी विश्वास कर मुझपर
ज़िंदगी का ये सफ़र बन जायेगा यादगार
बरसेगा अगर ये प्यार तेरा भी मुझपर।