एगो गदहा से आके लड़ि गइल कहीं के पीला
एगो गदहा से आके लड़ि गइल कहीं के पीला
सुनिलीं सभे सुनावत बानी मजगर एगो लीला
एगो गदहा से आके लड़ि गइल कहीं के पीला
कहलसि गदहा पिलवा से बहसS जनि तुँहूँ इयार
एको लात सहाई ना बानी तोहसे बैरियार
गदहा बतियवलें बाकी ऊ पिलवा रहे शिकारी
बड़ी शान से कहलसि भोंकत गदहा से ललकारी
पिलवा कहलसि बरियारी से कुछ ना होई थेंथर
तनिक दउरबS हाँफे लगबS बानी तहसे रेसर
कहलस गदहा ओहू में ना बीस निकलबS भाई
नइखे जो बिसवास अगर तS लS अभिए अजमाई
बड़का पीपर हो गँउँआ में बाटे देत दिखाई
जे ऊ छूके आई पहिले ,रेसर उहे कहाई
कहलस पीला बात करेलS गदहा तूँ बरियारी
ना मनबS तS भागS देखS अभिए जइबS हारी
गदहा पछुअइलें ,पीला पहुँचल पीपर के कगरी
बाकी उहवाँ के पीला परलेसन इनपर सगरी
उहँवाँ के पीला ए पीला के लगलेसन तानें
केतनो कोंकिअइलें मजबूरी ना सुनलेसन काने
ओने गदहा पीपर छूके पहुँचल अपना ठाँवें
पीलन से लड़ते ई पीला रहि गइलें ओह गाँवे
जान बँचाके भगलें पिलवन से जब देहि छुड़ाके
इनिके देखि गदहवा हँसलस बड़ी बिजोड़ ठठाके
कहलसि गदहा का करबS पीला तूँ हमसे बतिया
हम तोहके दिखला दिहले बानी तोहरो औकतिया
अवधू बड़ी कष्ट से पीला कहलस लोर गिरा के
तोहरा में औकात कहाँ हरवा पइतS हमराके
कहलस पिलवा गदहा भाई आज बहुत कुछ सिखनी
अपने कुनबा के चलते ई मजा हार के चिकनी
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर9918854285
23-12-2024 दिनांक