एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं
ज़हन में उनकी बातें और रातों में उनके ख़ाब रखते हैं
ऎसा लगता हैं याद करते करते उन्हें, कहीं मर ही ना जाए एक दिन हम
इसलिए! बटुए में पहले से ही, अपनी मौत का समान रखते हैं!
The_dk_poetry