एक शे’र
दिल के अहसासों को आँखों से कर बयाँ देना,
मेरे तन्हा तड़पते लफ़्ज़ों को अपनी जुबाँ देना।
एक पल में ही सातों जन्म जी लुंगी तेरे इश्क में,
खुदा कसम एक बार झूठी ही सही कर हाँ देना।।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत
दिल के अहसासों को आँखों से कर बयाँ देना,
मेरे तन्हा तड़पते लफ़्ज़ों को अपनी जुबाँ देना।
एक पल में ही सातों जन्म जी लुंगी तेरे इश्क में,
खुदा कसम एक बार झूठी ही सही कर हाँ देना।।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत