एक व्यंग हैं
एक व्यंग हैं
यह नदियों का मुल्क है,पानी भी भरपूर है।
बोतल में बिकता है,बीस रू शुल्क है।।
यह गरीबों का मुल्क है,जनसंख्या भी भरपूर है।
परिवार नियोजन मानते नहीं,जबकि नसबन्दी नि:शुल्क है।।
यह अजीब मुल्क है,निर्बलों पर हर शुल्क है।
अगर आप हों बाहुबली,हर सुविधा नि:शुल्क है।।
यह अपना ही मुल्क है,कर कुछ सकते नहीं।
कह कुछ सकते नहीं,जबकि बोलना नि:शुल्क है।।
यह शादियों का मुल्क है,दान दहेज भी खूब हैं।
शादी करने को पैसा नहीं,जबकि कोर्ट मैरिज नि:शुल्क हैं।।
यह पर्यटन का मुल्क है,बस/रेलें भी खूब हैं।
बिना टिकट पकड़े गए तो,रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।।
यह अजीब मुल्क है,हर जरूरत पर शुल्क है।
ढूंढ कर देते हैं लोग,पर सलाह नि:शुल्क है।।
यह आवाम का मुल्क है,रहकर चुनने का हक है।
वोट देने जाते नहीं,जबकि मतदान नि:शुल्क है।।
बेचारा आदमी:जब सर के बाल न आये तो* *दवाई ढूँढता है..,
जब आ जाते है तो नाई ढूँढता है..,और जब काले रहते हैं तो लुगाई ढूँढता है ।
जब सफ़ेद हो जाते है तो फिर डाई ढूँढता है…!
मुस्कुराईये नि:शुल्क है।