एक मुक्तक माॅ शारदे केे चरणो में
नमन है बारम्बार माता शारदे ,
अन्धकार मिटा जगती का ,
स़ष्टि को सवार दे ,
जगती में प्रकाश ज्योति का वार दे,
कोई ना हो अंधकार में ऐसा माॅ वरदान दे ,
शब्द कलम हमारी चमके ऐसा आर्शीवाद दे ,
भरत गेहलोत
जालोर राजस्थान
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