एक मुक्तक
मात्राभार-
1222 1222 1222 1222
कभी गलती करूँ मैं तो, मुझे उसकी सजा देना
चलूँ दुर्गम पहाड़ों पर, प्रभो रस्ता दिखा देना
निवेदन आप से बस ये, दिखा दर्पण सचाई का
मुझे मेरे मसीहा तुम, असत पथ से बचा लेना
-सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
मात्राभार-
1222 1222 1222 1222
कभी गलती करूँ मैं तो, मुझे उसकी सजा देना
चलूँ दुर्गम पहाड़ों पर, प्रभो रस्ता दिखा देना
निवेदन आप से बस ये, दिखा दर्पण सचाई का
मुझे मेरे मसीहा तुम, असत पथ से बचा लेना
-सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद