एक मुक्तक..
दिल को इसमें बड़ी ही राहत हो।
रात दिन तेरी ही इबादत हो।
सौ जनम भी अगर मिलें हमको,
हर जनम में तुम्हारी चाहत हो।
मंजूषा मन
दिल को इसमें बड़ी ही राहत हो।
रात दिन तेरी ही इबादत हो।
सौ जनम भी अगर मिलें हमको,
हर जनम में तुम्हारी चाहत हो।
मंजूषा मन