एक मार्मिक चित्रण….नववर्ष तुम्हारा स्वागत है
एक मार्मिक चित्रण
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……एक #गुजारिश पूरा पढ़ें… कमेंट आपकी इच्छा पर रहेगी।
विषय…. नववर्ष तुम्हारा स्वागत है
दिनांक……31/12/2021
तेरे आने की आहट है।
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है।
पर कैसे तुझे बुलाऊं में।
गुरबत की घर में आहट है।।
सोचा था जब तू आएगा।
खुशीयों का मौसम लाएगा।
मेरा मन भी मुसकाएगा
जब तू धीरे से आएगा
पर फटी जेब बेगारी में
मारा बड़ा सा चांटा है
चेहरे पर नहीं मुस्कराहट है
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है……..
अच्छे दिन अब तक नहीं आये
हम साथ कभी ना मुस्काए
खुशीयों के गीत उदास बड़े
ग़म कभी देख मुरझाए नहीं
बीवी भी ना कुछ अब मांगें है
उम्मीद आंखों में जागे है
बच्चों को मिला कोई गिफ्ट नहीं
वो देते मुझको लिफ्ट नहीं
ताने दिल में धंस जातें हैं
मुझे खुद से हुई बगाबत है
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है…….
मां की उम्मीदें टूटी है
किस्मत कुछ फूटी फूटी है
है बिस्तर कब से है फटा हुआ
खटिया भी कब से टूटी है
बापू कुछ कह नहीं पातें
सब दर्द चुप ही सह जातें
हम भी सोचे कुछ करने की
सपने सब टूटकर रह जाते
घर घर हलवा की महक उठे
मेरे घर का चूल्हा ठंडा है
कैसे निमंत्रण दूं तुमको
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है……
तू आ कंगाली घर में है
पूरी बेहाली घर में है
बीमारी कब से गयी नहीं
आंसू की लड़ियां घर में है
फटी जेब कब से सिली नहीं
खुशीयां भी कब से मिली नहीं
यारों की महफ़िल सजी नहीं
हम भी महफ़िल में गये नहीं
इस हाल में आना आ जाओ
तुम भी कुछ फांकें खा जाओ
किस तरहा स्वागत हो तेरा
तुझसे रिश्ता है क्या मेरा
बेमतलब बढ़ी बनावट है
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है………
तुम आओ तुम्हें कुछ देता हूं
दिन रात जो सहता रहता हूं
ले जाओ गरीबी तुम घर की
दे जाओ खुशी तुम महफ़िल की
घर की बीमारी ले जाना
अच्छी सी ख़बर लेकर आना
टूटे सपने सब ले जाना
उम्मीदें संग लेते आना
आंसू भी पी लेना ग़म के
खुशीयां होंठों की दे जाना
ये दर्द पुराना ले जाना
खुशीयों का खज़ाना दे जाना
गर दे सको तो ये देना
तेरा फिर दिल से स्वागत है
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है
नववर्ष तुम्हारा स्वागत है।।
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जनकवि/बेखौफ शायर
डॉ.नरेश “सागर”
इंटरनेशनल साहित्य अवार्ड से सम्मानित
9149087291