Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 2 min read

एक बार ऐसा हुआ कि पति-पत्नी के बीच किसी छोटी सी बात पर झगड़ा

एक बार ऐसा हुआ कि पति-पत्नी के बीच किसी छोटी सी बात पर झगड़ा हो गया। गर्मियों की रात थी, दोनों गुस्से में अपने-अपने बिस्तरों पर जा लेटे। आधी रात को अचानक पति को प्यास लगी। पास ही रखे टेबल पर पानी का जग और गिलास रखा था। पति ने सोचा कि खुद उठकर पानी पी ले। उसने गिलास में पानी डाला और पीने लगा, तभी उसने महसूस किया कि उसकी पत्नी उसे गुस्से में घूर रही है।

पत्नी ने क्रोध भरे स्वर में कहा, “तुमने खुद पानी क्यों पिया? तुम जानते हो कि ये मेरा हक है!”

पति भी गुस्से में आ गया और अकड़ते हुए बोला, “हाथ-पैर सलामत हैं, मैं खुद पानी पी सकता हूं, किसी का मोहताज नहीं हूं।”

पत्नी उसकी ओर धीरे-धीरे बढ़ी और उसका कॉलर पकड़ लिया। उसकी आंखें गुस्से में लाल हो रही थीं, पर उसकी आवाज़ नर्म थी। उसने पति की आंखों में देखा और कहा, “सुनो, लड़ाई अपनी जगह पर है, पर ये मेरी खुशी का हक मैं कभी खोने नहीं दूंगी।”

पति थोड़ा चौंका, उसने पूछा, “खुशी? पानी देने से?”

पत्नी की आंखों में अब वह क्रोध नहीं था, सिर्फ नरमी थी। उसने कहा, “तुम्हें पानी देते वक्त मुझे जो खुशी होती है, उसे कोई नहीं छीन सकता। चाहे हम एक-दूसरे से बात न करें, लेकिन ये हक मेरा है। तुमसे जुड़ी हर छोटी खुशी मेरी है, और तुम ये नहीं छीन सकते।”

पति की आंखों में स्नेह और शर्म एक साथ उतर आई। उसने धीरे से उसे गले से लगाया और कहा, “मुझे माफ कर दो, मैंने तुम्हारी भावनाओं को समझने में गलती की।”

पत्नी मुस्कुराई और धीरे से कहा, “मोहब्बत मर नहीं सकती, चाहे हालात कुछ भी हों।”

वो झगड़ा उसी पल खत्म हो गया। दोनों के बीच फिर वही पुराना प्यार लौट आया, जैसे कुछ हुआ ही न हो।

लेकिन दस साल बाद…

रात के तीन बजे, करण एक बार फिर प्यास के मारे उठा। बिस्तर से धीरे से उठकर उसने पानी का गिलास भरा। जैसे ही वो पानी पीने लगा, उसकी नज़र दीवार पर लगी उस तस्वीर पर गई – उसकी पत्नी की तस्वीर। उसकी आंखों में आंसू भर आए, वो तस्वीर के पास जाकर धीरे से उसे छूने लगा। उसे अपनी पत्नी की कही हुई एक बात याद आ गई, “मोहब्बत मर नहीं सकती।”

करण के दिल में भारीपन था, लेकिन उसकी आँखों में एक सुकून भी था। अब वह हर बार जब भी पानी पीता, उसकी प्यारी पत्नी की यादों में डूब जाता।

58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
*क्या हाल-चाल हैं ? (हास्य व्यंग्य)*
*क्या हाल-चाल हैं ? (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
Shwet Kumar Sinha
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
9) “जीवन एक सफ़र”
9) “जीवन एक सफ़र”
Sapna Arora
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
कितनी अजब गजब हैं ज़माने की हसरतें
Dr. Alpana Suhasini
मोहब्बत
मोहब्बत
Dinesh Kumar Gangwar
*बीजेपी समर्थक सामांतर ब्रह्मांड में*🪐✨
*बीजेपी समर्थक सामांतर ब्रह्मांड में*🪐✨
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
Neelofar Khan
" समान "
Dr. Kishan tandon kranti
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
छोटी-सी बात यदि समझ में आ गयी,
Buddha Prakash
सातो जनम के काम सात दिन के नाम हैं।
सातो जनम के काम सात दिन के नाम हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
मम्मी का ग़ुस्सा.
मम्मी का ग़ुस्सा.
Piyush Goel
3957.💐 *पूर्णिका* 💐
3957.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मधुर संगीत की धुन
मधुर संगीत की धुन
surenderpal vaidya
तज द्वेष
तज द्वेष
Neelam Sharma
अनपढ़ प्रेम
अनपढ़ प्रेम
Pratibha Pandey
*कविताओं से यह मत पूछो*
*कविताओं से यह मत पूछो*
Dr. Priya Gupta
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
sushil sarna
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
पतंग*
पतंग*
Madhu Shah
Loading...