एक बने सब लोग
कुण्डलिया
विषय—-एक बने सब लोग
दूरी सबके हृदय की , हे प्रभु करदो दूर
बैरभाव को भूल सब , सुख पावें भरपूर
सुख पावें भरपूर , कपट से राखें खटपट
औरों का सुख देख ,मिले सबको सुख झटपट
नेक हमारी माँग , जिसे हरि करदो पूरी
एक बने सब लोग , मिटे आपस की दूरी
अवध किशोर अवधू