एक प्रीति राधा के लिए…
यूँ वो चाहें तो हम भी संभल जाएँगें ।
वो जाएँ जिधर हम भी ऊधर ही जाएँगे ।
यूँ वो बनकर देखें भी तो राधा हमारे लिए ।
कान्हाँ बनकर गुण गाएँ उमर भर उन्ही लिए।।
***** धीरेन्द्र *****
यूँ वो चाहें तो हम भी संभल जाएँगें ।
वो जाएँ जिधर हम भी ऊधर ही जाएँगे ।
यूँ वो बनकर देखें भी तो राधा हमारे लिए ।
कान्हाँ बनकर गुण गाएँ उमर भर उन्ही लिए।।
***** धीरेन्द्र *****