“” *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* “” ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
“” एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य “”
( वसुधैव कुटुंबकम् )
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एक पृथ्वी , एक परिवार
है सभी का यहां एक भविष्य !
आओ बढ़ाएं ये पवित्र भावना…..,
बनाएं जीवन को दिव्य भव्य !! 1 !!
है प्रभु परमेश्वर अल्लाह सब एक
फिर आपस में कैसा ये भेदभाव !
रहें सभी यहां हम मिलजुलकर……,
हो आपस में विश्वास और सद्भाव !! 2 !!
वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से
सभी मिलकर यहां काम करें !
करें एक दूजे का मान सम्मान….,
और सबको संग-साथ लेकर चलें !! 3 !!
हैं धरा अंबर सूरज चाँद तारे
हम सभी के लिए एक समान !
आओ मिल बनाएं धरा को स्वर्ग…..,
और बनें हम सभी नेक इंसान !! 4 !!
बनी रहे विश्व में सदैव सुख शांति
हो ऐसी हम सबकी भावनाएं पवित्र !
एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य….,
यही है सफलता का रहस्य और मंत्र !! 5 !!
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सुनीलानंद
शुक्रवार,
10 मई, 2024
जयपुर,
राजस्थान |