एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
एक नज़्म ___
माँ की दुआ 😘
माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
धड़कन भी यही कहती ,माँ की दुआ है …
अब रास्तों में ढूंडू , मिलती नहीं माँ है ,
साँसे मेरी चलती हैं ,मेरी माँ की दुआ है ….
जाती हूँ कभी मायके,माँ नहीं मिलती है ,
कहते हैं सभी मुझसे , तू माँ की दुआ है ..
आवाज है माँ जैसी ,सूरत भी है माँ जैसी,
तू हू बहू माँ जैसी है , तू माँ की दुआ है ..
सच्चाई भी है तुझमे , तेज़ी तेरी माँ जैसी,
सेवा करे माँ जैसी , तू माँ की दुआ है ..
चमकेगी तेरी किस्मत , तेरा मुकाम होगा ,
रद हो नहीं सकती है , तू माँ की दुआ है .
रब का यही एहसां है, मैं माँ की दुआ हूँ ..
तुम ‘नील’ से कह देना , तू माँ की दुआ है ..
✍️नील रूहानी..18/08/2024,,,
( नीलोफर खान)