“एक दोस्त ही काफी है “
जीवन के इस आपा धापी में
रंग बदलते रिश्ते में
कड़वे तीखे दौर में
एक दोस्त ही काफी है।
कंधे पर रख हाथ
पकड़ ले हाथ में हाथ
और बोले बिन
सब समझ जाए
बस एक दोस्त ही काफी है।
जीवन की इस आपा धापी में।
© डा० निधि श्रीवास्तव “सरोद”