एक दीप प्रेम का
एक दीप प्रेम का तुम, ह्रदय में जलाए रखना
गम हो चाहे कितने भी,हृदय से लगाये रखना
जीवन के दुख-सुख के साथी,तुम हो मेरे प्रियवर
दिल को रौशन कर दे मीठी बातें तुम्हारी,
ऐसे ही अपने हृदय में बसाये रखना
एक दीप प्रेम का तुम, ह्रदय में जलाए रखना
दिया जैसे बिन बाती है अधूरा,
तेरे बगैर ये जीवन,नहीं है मेरा पूरा
हरी-भरी है दुनियां तुमसे,
खुशहाली बसती है तुममें
तू है तो जिंदगी लगती है खूबसूरत
रंग बिरंगी रंगोली सी सजती है तेरी सूरत
बन दीप की तरह प्रज्वलित हो जीवन
दिल में बसी है बस तेरी मूरत
कल्पना हो या यथार्थ हो तुम
मेरी जिंदगी का पार्थ हो तुम
अश्रु हो या हो खुशी
उस खुशी का साथ हो तुम
एक दीप प्रेम का तुम, ह्रदय में जलाए रखना
गम हो चाहे कितने भी,हृदय से लगाये रखना
ममता रानी
दुमका,झारखंड