एक तेरे चले जाने से कितनी
एक तेरे चले जाने से कितनी
कमजोर हो गई है मेरी
भावनाएं रूपी टहनियां
देख आंधियों से लड़ कर भी
कुछ ही अपनी शाखाएं बचा
पाया हूं की कही तुम लौटे और
मेरे दरख्वत सूखे ना हो ये सोच
स्वयं को सजीव रख पाया हूं
सुनो तुम लौट आना बिना
विलंब किए हुए क्योंकि
शायद बहुत लंबी जिंदगी मैं
लिखा कर नही आया हूं…
🖤🍁🖤
स्मृतियां