Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2021 · 1 min read

एक तरफा

जीवन ?की पाठशाला ?️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आपकी आकांक्षाएं -आपके ख्वाब -आपके अरमान उस हद तक ही अच्छे हैं जहाँ आपको अपने स्वाभिमान का सौदा या उसे गिरवी ना रखना पड़े …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी के इस सफर में सहारा देने वाले शख्स एकाध ही मिलते हैं ,हाँ टांग खींचने -गिराने और धक्का देने के लिए हर कोई तैयार ही बैठा है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिस प्रकार ताली एक हाथ से नहीं बनाई जा सकती उसी प्रकार कोई भी रिश्ता एक तरफ़ा नहीं निभाया जा सकता -क्या केवल एक तरफा सिकी रोटी खाई जा सकती है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की हे परमपिता परमेश्वर आपके भरोसे ही एक एक श्वांस चल रही है -एक एक कर्म और क्रिया हो रही है …मैं कहीं किसी भी मोड़ पर भटक या बिखर ना जाऊँ ये आपकी ही जिम्मेदारी है क्यूंकि त्वमेव माता च पिता त्वमेव ….!

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये …अपनी दुआओं? में याद रखियेगा ?

?सुप्रभात ?
आपका दिन एवं हर पल शुभ हो
?विकास शर्मा'”शिवाया ?
जयपुर -राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Loading...