एक टुकड़ा आफताब का..
मुझे चाहिए एक टुकड़ा आफताब का ,
अपनी जिंदगी को रोशन करने के लिए ।
क्या अता फरमा सकते हो? तुम ए खुदा !
वरना मैं चिराग ए दिल जलायुं रोशनी के लिए ।
मुझे चाहिए एक टुकड़ा आफताब का ,
अपनी जिंदगी को रोशन करने के लिए ।
क्या अता फरमा सकते हो? तुम ए खुदा !
वरना मैं चिराग ए दिल जलायुं रोशनी के लिए ।