Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2021 · 2 min read

एक चोर।

विज्ञान के देश में चोरी की घटनाओं बढ़ने लगी थी। विज्ञान देश के राजा ने तमाम आधुनिक सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी। लेकिन फिर भी चोरी की घटनाएं कम नही हुई। एक दिन राजा ने मंत्रीयो से चोर को पकड़ बाने के लिए कहा गया।आपको जितनी पुलिस चाहिए आप ले लिजिए पर आप चोर को पकड़ों।राजा ने कहा जितना धन चाहिए आप ले ले। जल्दी से जल्दी उस चोर को पकड़ों।उस चोर को पकड़ने के लिए तमाम तरह की योजनाएं बनाई। नाकेबंदी कर दी गई।सब कुछ इंतजाम राजा ने करवा दिए। फिर भी चोरी पकड़ से बाहर था । चूंकि चोर बहुत बड़ा वैज्ञानिक था। पुलिस केवल लकीर के फकीर बनकर काम करती थी। चोर पुलिस से काफी चालाक था।चोर चोरी में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी। इसलिए वह हर जगह से बच निकलता था। अब विज्ञान देश के राजा ने अपने ही कर्मचारियों में कमी ढूंढने वाली टीम गठित की।कि जिस जिस विभाग में जो कर्मचारी हैं। उनकी कमी तालाश कर मुझे बताया जाये।चोर को इस बात का पता लग गया।तो वह उस टीम में रिश्वत देकर भर्ती हो गया।यह भर्ती कैसे हुआ। उसने सभी दस्तावेज फर्जी तरीके से बनवा लिए। क्योंकि राजा के पास कोई भी विभाग में एक भी कर्मचारी ईमानदारी से काम नही करता था।सभी कर्मचारियों को पैसे कमाने का भूत सवार था।चोर फर्जी दस्तावेजों के सहारे भर्ती होना भी जांच के दायरे में आ गया। उसने राजा के सामने जो बातें बताई उससे सुनकर राजा भौंचक्का रह गया।कि हमने चोर को नहीं ,चोर ने हमें पकड़ा है।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिन में रात
दिन में रात
MSW Sunil SainiCENA
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
Er. Sanjay Shrivastava
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आओ चले अब बुद्ध की ओर
आओ चले अब बुद्ध की ओर
Buddha Prakash
*मेरे दिल में आ जाना*
*मेरे दिल में आ जाना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चिंगारी के गर्भ में,
चिंगारी के गर्भ में,
sushil sarna
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
एक अच्छे मुख्यमंत्री में क्या गुण होने चाहिए ?
Vandna thakur
बदला लेने से बेहतर है
बदला लेने से बेहतर है
शेखर सिंह
* किधर वो गया है *
* किधर वो गया है *
surenderpal vaidya
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
"लाभ का लोभ"
पंकज कुमार कर्ण
"𝗜 𝗵𝗮𝘃𝗲 𝗻𝗼 𝘁𝗶𝗺𝗲 𝗳𝗼𝗿 𝗹𝗼𝘃𝗲."
पूर्वार्थ
काली घनी अंधेरी रात में, चित्र ढूंढता हूं  मैं।
काली घनी अंधेरी रात में, चित्र ढूंढता हूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
जिंदगी और रेलगाड़ी
जिंदगी और रेलगाड़ी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझे प्यार हुआ था
मुझे प्यार हुआ था
Nishant Kumar Mishra
*जब से मुझे पता चला है कि*
*जब से मुझे पता चला है कि*
Manoj Kushwaha PS
अगर हो हिंदी का देश में
अगर हो हिंदी का देश में
Dr Manju Saini
नवरात्रि - गीत
नवरात्रि - गीत
Neeraj Agarwal
ईद की दिली मुबारक बाद
ईद की दिली मुबारक बाद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
■ उलाहना
■ उलाहना
*Author प्रणय प्रभात*
23/172.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/172.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
*तुम राजा हम प्रजा तुम्हारी, अग्रसेन भगवान (गीत)*
*तुम राजा हम प्रजा तुम्हारी, अग्रसेन भगवान (गीत)*
Ravi Prakash
जीवन जितना होता है
जीवन जितना होता है
Dr fauzia Naseem shad
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
“ धार्मिक असहिष्णुता ”
DrLakshman Jha Parimal
Loading...