एक गीत रचा हैं मैने….
एक गीत रचा हैं मैने….
एक गीत रचा हैं मैने……..
एक गीत सुना हैं तूने……….
फिर याद मेरी यू आई,
आँखों से आँसू निकला,
एक गीत रचा हैं मैने……………
वो दिन क्या याद हैं तुझको,
आँखों से मिलन हुए थे,
वो दिन क्या याद हैं तुझको,
जी भर हस कर रोए थे,
जब बात आई अपनों की,
मेने तोड़ा था बंधन पुराना,
एक गीत रचा हैं मैने…………………..
एक बात तू याद रखना,
न हाथों में हाथ दिखेंगे,
एक बात तू याद रखना,
न ज़िक्र तुम्हारा करेंगे,
तेरी इस बेवफाई को,
मै जन्म-जन्म न भूलूँगा
एक गीत रचा हैं मैने……………..
–सीरवी प्रकाश पंवार