Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2016 · 1 min read

एक खुमार सा छाया, लहर फूटने लगी

उन्होंने हमारी शान में दो बोल क्या कहे,
एक खुमार सा छाया, लहर फूटने लगी।
हम ख्वाबों और ख्यालों में झूमने लगे,
होश आया तब ये पाया, ज़मीं छूटने लगी।

————-शैंकी भाटिया
अक्टूबर 5, 2016

Language: Hindi
321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ईश्वर की कृपा
ईश्वर की कृपा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
साँसों का संग्राम है, उसमें लाखों रंग।
Suryakant Dwivedi
हुनर है मुझमें
हुनर है मुझमें
Satish Srijan
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
'खामोश बहती धाराएं'
'खामोश बहती धाराएं'
Dr MusafiR BaithA
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-281💐
💐प्रेम कौतुक-281💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/122.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
साहिल पर खड़े खड़े हमने शाम कर दी।
Sahil Ahmad
Mai deewana ho hi gya
Mai deewana ho hi gya
Swami Ganganiya
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आप अपनी नज़र से
आप अपनी नज़र से
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक
मुक्तक
Rashmi Sanjay
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
एक शब के सुपुर्द ना करना,
एक शब के सुपुर्द ना करना,
*Author प्रणय प्रभात*
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
जब ऐसा लगे कि
जब ऐसा लगे कि
Nanki Patre
मौन में भी शोर है।
मौन में भी शोर है।
लक्ष्मी सिंह
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
संघर्ष वह हाथ का गुलाम है
प्रेमदास वसु सुरेखा
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
Loading...