एक कथा ऐसी भी
?एक बार एक राजा था। एक दिन वह बड़ा प्रसन्न मुद्रा में था सो अपने वज़ीर के पास गया और कहा कि तुम्हारी जिंदगी की सबसे बड़ी ख़्वाहिश क्या हैं?
?वज़ीर शरमा गया और नज़रे नीचे करके बैठ गया राजा ने कहा तुम घबराओ मत तुम अपनी सबसे बड़ी ख़्वाहिश बताओ वज़ीर ने राजा से कहा हुज़ूर आप इतनी बड़ी सल्लतनत के मालिक हैं ……. …….
?और जब भी मैं यह देखता हूँ तो मेरे दिल में ये चाह जाग्रत होती हैं
?कि काश मेरे पास इस सल्लतनत का यदि दसवां हिस्सा होता तो मैं इस दुनिया का बड़ा खुशनसीब इंसान होता ये कह कर वज़ीर खामोश हो गया……….
? राजा ने कहा कि यदि मैं तुम्हें अपनी आधी जायदाद दे दूँ तो वज़ीर घबरा गया और नज़रे ऊपर करके राजा से कहा कि हुज़ूर ये कैसे मुनकिन हैं?
?मैं इतना खुशनसीब इंसान कैसे हो सकता हूँ
? राजा ने दरबार में आधी सल्लतनत के कागज तैयार करने का फरमान जारी करवाया और साथ के साथ वज़ीर की गर्दन धड़ से अलग करने का ऐलान भी करवाया। ये सुनकर वज़ीर बहुत घबरा गया राजा ने वज़ीर की आँखों में आँखे डालकर कहा तुम्हारे पास तीस दिन हैं………..
?इन तीस दिनों में तुम्हें मेरे तीन सवालों के जवाब पेश करना हैं………..
?यदि तुम कामयाब हो जाओगे तो मेरी आधी सल्लतनत तुम्हारी हो जायेगी और यदि तुम मेरे तीन सवालों के जवाब तीस दिन के भीतर न दे पाये तो मेरे सिपाही तुम्हारा सिर धड़ से अलग कर देंगे………….
?वज़ीर ओर ज्यादा परेशान हो गया राजा ने कहा मेरे तीन सवाल लिख लो, वज़ीर ने लिखना शुरु किया राजा ने कहा………
?1) इंसान की जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई क्या हैं?
?2) इंसान की जिंदगी का सबसे बड़ा धोखा क्या हैं?
? 3) इंसान की जिंदगी की सबसे बड़ी कमजोरी क्या हैं?
?राजा ने तीनों सवाल समाप्त करके कहा तुम्हारा समय अब शुरु होता हैं………
? वज़ीर अपने तीन सवालों वाला कागज लेकर दरबार से रवाना हुआ और हर संतो-महात्माओं, साधु-फक़ीरों के पास जाकर उन सवालों के जवाब पूछने लगा मगर किसी के भी जवाबों से वह संतुष्ट न हुआ धीरे-धीरे दिन गुजरते हुए जा रहे थे अब उसके दिन-रात उन तीन सवालों को लिए हुए ही गुजर रहे थे हर एक-एक गाँवों में जाने से उसके पहने लिबास फट चुके थे और जूते के तलवे भी फटने के कारण उसके पैर में छाले पड़ गये थे……..
?अंत में शर्त का एक दिन शेष रहा, वजीर हार चुका था तथा वह जानता था कि कल दरबार में उसका सिर धड़ से कलाम कर दिया जायेगा और ये सोचता-सोचता वह एक छोटे से गांव में जा पहुँचा वहाँ एक छोटी सी कुटिया में एक फक़ीर अपनी मौज में बैठा हुआ था और उसका एक कुत्ता दूध के प्याले में रखा दूध बड़े ही चाव से जीभ से जोर-जोर से आवाज़ करके पी रहा था……….
?वज़ीर ने झोपड़ी के अंदर झाँका तो देखा कि फक़ीर अपनी मौज में बैठकर सुखी रोटी पानी में भिगोकर खा रहा था जब फक़ीर की नजर वज़ीर की फटी हालत पर पड़ी तो वज़ीर से कहा कि जनाबेआली आप सही जगह पहुँच गये हैं और मैं आपके तीनों सवालों के जवाब भी दे सकता हूँ………
? वज़ीर हैरान होकर पूछने लगा आपने कैसे अंदाजा लगाया कि मैं कौन हूँ ………..
?और मेरे तीन सवाल हैं?
? फक़ीर ने सूखी रोटी कटोरे में रखी और अपना बिस्तरा उठा कर खड़ा हुआ और वज़ीर से कहा साहिब अब आप समझ जायेंगे……….
?वजीर ने झुक कर देखा कि उसका लिबास हू ब हू वैसा ही था जैसा राजा उस को भेंट दिया करता था………
? फक़ीर ने वज़ीर से कहा मैं भी उस दरबार का वज़ीर हुआ करता था और राजा से शर्त लगा कर गलती कर बैठा अब इसका नतीजा तुम्हारे सामने हैं……
?फक़ीर फिर से बैठा और सूखी रोटी पानी में डूबो कर खाने लगा वज़ीर निराश मन से फक़ीर से पूछने लगा क्या आप भी राजा के सवालों के जवाब नहीं दे पाये थे फक़ीर ने कहा कि नहीं मेरा केस तुम से अलग था……..
?मैने राजा के सवालों के जवाब भी दिये और आधी सल्लतनत के कागज को वहीं फाड़कर इस कुटिया में मेरे कुत्ते के साथ रहने लगा वज़ीर ओर ज्यादा हैरान हो गया और पूछा क्या तुम मेरे सवाल के जवाब दे सकते हो?
? फक़ीर ने हाँ में सिर हिलाया और कहा मैं आपके दो सवाल के जवाब मुफ्त में दूँगा मगर तीसरे सवाल के जवाब में आपको उसकी कीमत अदा करनी पड़ेगी………
?अब वजीर ने सोचा यदि बादशाह के सवालों के जवाब न दिये तो राजा मेरे सिर को धड़ से अलग करा देगा इसलिए उसने बिना कुछ सोचे समझे फक़ीर की शर्त मान ली फक़ीर ने कहा तुम्हारे पहले सवाल का जवाब हैं…….
? “मौत”।
?इंसान के जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई मौत हैं?
? मौत अटल हैं और ये अमीर-गरीब, राजा-फक़ीर किसी को नहीं देखती हैं…….
? मौत निश्चित हैं ?
?अब तुम्हारे दूसरे सवाल का जवाब हैं “जिंदगी” इंसान की जिंदगी का सबसे बड़ा धोखा हैं………
? जिंदगी इंसान जिंदगी में झूठ-फरेब और बुरे कर्मं करके इसके धोखे में आ जाता हैं…….
?अब आगे फक़ीर चुप हो गया वज़ीर ने फक़ीर के वायदे के मुताबिक शर्त पूछी, तो फक़ीर ने वज़ीर से कहा कि तुम्हें मेरे कुत्ते के प्याले का झूठा दूध पीना होगा…….
?वज़ीर असमंजस में पड़ गया और कुत्ते के प्याले का झूठा दूध पीने से इंकार कर दिया मगर फिर राजा द्वारा रखी शर्त के अनुसार सिर धड़ से अलग करने का सोचकर बिना कुछ सोचे समझे कुत्ते के प्याले का झूठा दूध बिना रुके एक ही सांस में पी गया फक़ीर ने जवाब दिया कि यही तुम्हारे तीसरे सवाल का जवाब हैं…….. ?”गरज इंसान की जिंदगी की सबसे बड़ी कमजोरी हैं………
?”गरज”गरज इंसान को न चाहते हुए भी वह काम कराती हैं जो इंसान कभी नहीं करना चाहता हैं………
?जैसे तुम तुम भी अपनी मौत से बचने के लिए और तीसरे सवाल का जवाब जानने के लिए एक कुत्ते के प्याले का झूठा दूध पी गये गरज इंसान से सब कुछ करा देती हैं………
?मगर अब वज़ीर बहुत प्रसन्न था क्योंकि उसके तीनों सवालों के जवाब उसे मिल गये थे वज़ीर ने फक़ीर को शुक्रिया अदा किया और महल की ओर रवाना हो गया जैसे ही वज़ीर महल के दरवाजे पर पहुँचा उसे एक हिचकी आई और उसने वहीं अपना शरीर त्याग दिया उसको मौत ने अपने आगोश में ले लियाअब हम भी विचार करें कि क्या कहीं हम भी तो जिंदगी की सच्चाई को भूले तो नहीं बैठे हैं?
?जी हाँ जिंदगी की सच्चाई ये मौत ये मौत न छोटा देखती हैं न बड़ा, न सेठ साहूकार देखती हैं……..
? ये तो न जाने कब किस को अपने आगोश में ले ले कुछ कहा नहीं जा सकता………
?क्योंकि ये अटल सत्य हैं ?
?और ये हर एक को आनी हैं
? क्या हम जिंदगी के धोखे में तो नहीं आ पड़े हैं?
?हाँ जी बिल्कुल हम धोखे में ही आये हुए हैं…….
? हम जिंदगी को ऐसे जीते हैं
?जैसे ये जिंदगी कभी खत्म न होगी हम जिंदगी में हर रोज नये-नये कर्मों का निर्माण करते हैं…..
?इन कर्मों में कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे हम जिंदगी के धोखे में ऐसे फंसे हुए हैं कभी भूल से भी मालिक का शुकर नहीं करते हैं…….
?कभी सच्चे दिल से मालिक का भजन सिमरन नहीं करते हैं……..
?बस जिंदगी को काटे जा रहे हैं क्या हम भी तो जिंदगी की कमजोरी के शिकार तो नहीं बने बैठे हैं?
?जी हाँ, हम सभी गरज के तले दबे हुए हैं……
?कोई अपने परिवार को पालने की गरज में झूठ-फरेब की राह पर चलने लगता हैं
? तो कोई चोरी और लूटपाट। हम सभी गरज की दलदल में फंसे हुए हैं……
?हमें भी चाहिए कि जिंदगी की सच्चाई मौत को ध्यान में रखते हुए, जिंदगी की झूठ में न फंसे क्योंकि जितना हम जिंदगी की सच्चाई से मुख मोड़ेगें उतना ही हम धोखे का शिकार होते जायेंगे……..
? अत: जिससे हम जीवन भर जिंदगी की कमजोरी गरज के दलदल में ही फंसे रहे और बाहर ही न निकल सकें इसलिए समय रहते हुए मालिक का भजन सिमरन करते रहे और मालिक को याद करते हुए उनका शुक्रियाअदा करते रहें। क्योंकि न जाने कब मालिक का फरमान आ जाए…….✍
? ???जय भवानी?????