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5 Jul 2024 · 1 min read

एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है

एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है
खोज रहा हूँ कोलाहल मे अपना बचपन प्यारा गाव जो की मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिसे सम्माननीय श्री अभय कुमार आनंद जी ने लिखा यह बहुत ही सुंदर और प्रेरणा देने वाली कविता है मुझको सांमन्नीय जी से बहुत ही प्यार दुलार मिला पिता तुल्य सम्माननीय जी को सादर प्रणाम आशीर्वाद की कामना करते है धन्यवाद
Rituraj वर्मा

1 Like · 64 Views
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