एक अजन्मी पुकार
एक अजन्मी बेटी ने कोख से पुकारा
मां कैसा सुंदर होगा आसमान प्यारा
क्या कुदरत जमाने से डर जाएगी
क्या नन्ही सी जान कल मर जाएगी
मैं तुझे कुछ कहना चाहती हूं
आंचल में तेरे रहना चाहती हूं
यह छोटी सी सूई है तलवार जैसी
किस पाप मेरे की है मार ऐसी
भाई के कपड़ों से गुजारा करूंगी
ना कोई भी खर्चा तुम्हारा करूंगी
गुस्से को भी तेरे में झेल लूंगी
टूटे खिलौने से ही खेल लूंगी
ये बेबस निगाहें तुझे ताकती हैं
क्यूं तेरी निगाहें मुझे काटती है
तेरी गर्वित से खामोशी से डर गई हूं
कटने से पहले ही मैं मर गई हूं
मां कटने से पहले ही मैं मर गई हूं
आर डी जांगड़ा
खेदड़ (हिसार) हरियाणा
9416379042