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14 May 2024 · 1 min read

एक अजन्मी पुकार

एक अजन्मी बेटी ने कोख से पुकारा
मां कैसा सुंदर होगा आसमान प्यारा
क्या कुदरत जमाने से डर जाएगी
क्या नन्ही सी जान कल मर जाएगी
मैं तुझे कुछ कहना चाहती हूं
आंचल में तेरे रहना चाहती हूं
यह छोटी सी सूई है तलवार जैसी
किस पाप मेरे की है मार ऐसी
भाई के कपड़ों से गुजारा करूंगी
ना कोई भी खर्चा तुम्हारा करूंगी
गुस्से को भी तेरे में झेल लूंगी
टूटे खिलौने से ही खेल लूंगी
ये बेबस निगाहें तुझे ताकती हैं
क्यूं तेरी निगाहें मुझे काटती है
तेरी गर्वित से खामोशी से डर गई हूं
कटने से पहले ही मैं मर गई हूं
मां कटने से पहले ही मैं मर गई हूं

आर डी जांगड़ा
खेदड़ (हिसार) हरियाणा
9416379042

Tag: Poem
1 Like · 68 Views

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