एकादशी
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है आज उत्पन्ना एकादशी है. उत्पन्ना एकादशी के दिन ही श्रीविष्णु के शरीर से एकादशी माता का जन्म बद्रीनाथ धाम में हुआ था क्योंकि ये एकादशी उपवास की उत्पत्ति का प्रतीक है इसलिए इसे उत्पत्तिका, उत्पन्ना और वैतरणी एकादशी कहा जाता है. इसी एकादशी से साल भर के एकादशी व्रत की शुरुआत की जाती है हेमंत ऋतु में आने वाली इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. पुराणों के अनुसार कि इसी दिन एकादशी माता ने मूर दैत्य का वध करके देवताओं की रक्षा की थी जो सोए हुए भगवान विष्णु को मारने का इरादा रखता था.इस पर भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर माता को वरदान दिया था कि देवी तूने देवताओं की रक्षा की है। इसलिए एकादशी के नाम से तेरी पूजा होगी तथा तेरे नाम लेने से हर प्राणी को मुक्ति मोक्ष मिलेगा। देवी एकादशी को भगवान विष्णु की सुरक्षात्मक शक्तियों में से एक माना जाता है. …आप सभी को उत्पन्ना एकादशी की हार्दिक शुभकामना ..माता एकादशी और भगवान विष्णु से यही प्रार्थना कि सभी रोग, शोक से दूर रहे व चारों ओर सुख, समृद्धि और खुशहाली हो। सबके जीवन में मंगल एवं शुभत्व का दीप देदीप्यमान रहे,अनवरत आनंद की वर्षा होती रहे, यही कामना करता हूं। उनकी कृपा आप सभी पर बनी रहे ..’ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ 🙏🙏🌹🌹🙏🙏