*एकांत*
जब मन होता है उदास,
चला आता हूं तेरे पास,
खुला गगन बहती पवन,
देख देख करूं मन प्रसन्न,
टिम टिम करते तारे सारे,
कल कल बहते झरने प्यारे,
हर तरफ प्रकृति का संगीत,
जिधर देखो वही लगे प्रीत,
यह एकांत लगे कितना प्यारा ,
साथ है खुला आसमान सारा,
दूर हुई अब यह उदासी सारी,
लौट खुशियां फिर आई हमारी,
— जेपीएल