एकांत/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’
एकांत/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’
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[१]
मेरा एकांत
सहचर-सर्जक
उर्वर प्रांत!
[२]
दूर दिनांत
तरु-तल-पसरा
मृदु एकांत!
[३]
वो एकांतघ्न
वातायन-भ्रमर
न रहे शांत !
[४]
दिव्य-उजास
शतदल कमल
एकांतवास !
[५]
एकांत सखा
जागृत कुंडलिनी
प्रसृत विभा !
-@निमाई प्रधान’क्षितिज’
रायगढ़,छत्तीसगढ़
मो.नं.7804048925