एकता कायम रहे…पाँच मुक्तक
एकता कायम रहे…पाँच मुक्तक
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1-
अपनों से जो लड़ोगे बिखर जाओगे सुनो
जलने लगेंगे गाँव किधर जाओगे सुनो
लड़ना कभी न भाइयों आपस में है कसम
मिल-जुल के तुम रहोगे निखर जाओगे सुनो
2-
माना कि धर्म-बोलियाँ अनेक साथियों
लेकिन हमारा देश तो है एक साथियों
होली व ईद को सभी मिलते हैं हम गले
बन के रहेंगे यूँ ही सदा नेक साथियों
3-
माँ भारती के ही तो हैं संतान हम सभी
इंसान की औलाद हैं इंसान हम सभी
हिन्दू न मुसलमान नहीं सिक्ख ईसाई
हैं देश की सीमा के निगहबान हम सभी
4-
धरती है एक और खुला आसमान है
आबोहवा भी एक जो हम सबकी जान है
हम भाइयों की एकता कायम रहे सदा
इस एकता से देश की हर ओर शान है
5-
यह प्यार आपसी कभी भी छोड़ना नहीं
नफ़रत की ओर खुद को कभी मोड़ना नहीं
कुछ लोग आज भी मिलेंगे देश के दुश्मन
बातों में उनकी भाई रिश्ते तोड़ना नहीं
– आकाश महेशपुरी
दिनांक-18/10/2019